LYRIC

Shuru Karein Kya Lyrics in hindi from the movie, Article 15. This song is sung by Kaam Bhaari. Music composition by Anurag Saikia with lyrics inscribed by Slow Cheeta. The soundtrack album is released under Zee Music Company label.

“बातें बहुत हुई
काम शुरू करें क्या
कल क्या करेगा
आज शुरू करें क्या
ये देश अपने हाथ
कुछ बातों से होगा ना
तू खुद ही है नायक
तो शुरू करें क्या

बातें बहुत हुई
काम शुरू करें क्या
कल क्या करेगा
आज शुरू करें क्या
ये देश अपने हाथ
कुछ बातों से होगा ना
तू खुद ही है नायक
तो शुरू करें क्या

शुरुआत से ही सीखते गलत है
गरम है हम सब पे
पर खुद में जो दम है वो कम है क्या
तेरे अन्दर की ज़मीर आज नम है क्या
दूसरों पे भौके
तुझे खुद पे शर्म है क्या
गरीबों पे अत्याचार
बच्चियों का बलात्कार
ना रुकेगा ना तो
ना होगा ऐसा कोई चमत्कार
ऊँगली उठाते पर आवाज तो उठाओ
नोट सब छापे साले इज्ज़त कमाओ
बत्ती तुम जलाते खाली कदम बढ़ाते
अपने अन्दर के अँधेरे में वो बत्ती को जलाओ

आफ़ताब सी उड़ान क्यूँ
समाज बना चिलमन सा
लूटकर कर जो लथपथ
तू पूछता है जात उनका
तरकश में मज़हब ये
जब तक तराजू के
पीढ़ी की मौत होगी
घर्षण करे शंका, हाँ
ऐनक अवाम का है साफ नहीं देवी
हाँ सड़कों पे डर के क्यूँ काँप रही
सांप बनी छाती पे दहशत धरम की
तू खुद है मसीहा ये आँखें क्यूँ नम सी

बातें बहुत हुई
काम शुरू करें क्या
कल क्या करेगा
आज शुरू करें क्या
ये देश अपने हाथ
कुछ बातों से होगा ना
तू खुद ही है नायक
तो शुरू करें क्या

तू भाई मुस्लमान का तो
काई को लड़ते जात पे
इंसानियत है गुमशुदा
और साइको हम हालात से
और अपने लोगो को तो चाहिए जाती का वार
हाथी का दाँत
तू बोल मुझको किधर गायब इन्साफ
तभी तो मिलेगा जभी तू
अपने हक को बोलना शुरू करेगा
सच को खोलना सब के बारे में सोचना
अब तू नहीं डरेगा
अमीर के थाली में रोटी है चार
फ़कीर नहीं है मिला प्रसाद
सब ठीक है तेरा तो बढ़ा व्यापार
कमजोर पे ऐसे ना डाल दबाव

चलो शुरू से करें हाल क्यूँ बेहाल है
ऐसे तो आजादी को हुवे सत्तर साल हैं
हम आज़ाद ना फिर भी
कभी सुनते ना खुद की
घर बैठे सोचेंगे मसले की तरकीब
कदम ले आगे तो पीछे ये खींचे
तू ज्यादा सच उगले तो धरती के नीचे
अब नीचे ही रहना
हिम्मत से सहना
वो मारे वो पीटे
तू कुछ भी ना कहना
हर जाती से छोटी यहाँ औरत की जात
दे दे जीवन की डोर किसी और के हाथ
यहाँ प्राण जाए पर मान ना जाए
दौलत की लालच हड़पती दुआएं

बातें बहुत हुई
काम शुरू करें क्या
कल क्या करेगा
आज शुरू करें क्या
ये देश अपने हाथ
कुछ बातों से होगा ना
तू खुद ही है नायक
तो शुरू करें क्या”


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