LYRIC

Darmiyan Lyrics in hindi fromthe movie, Inkaar. This song is sung by Aditya Kumar & Swanand Kirkire. Music composition by Shantanu Moitra & Shamir Tandon with lyrics inscribed by Swanand Kirkire. The soundtrack album is released under T-Series label.

 

क्यूँ निगाहें निगाहों
को शिक़वे सुनाए
मुर्दा अफ़सुर्दा लफ़्ज़ों
की मानी जगाये
जो है खुद से शिकायत
क्यूँ तुझको बताये
क्यों हम यादों के
रंगों से ख्वाबों को सजाये
ये कैसी बात बढ़ रही
है तेरे मेरे दरमियान
ये कैसी बात जग रही
है तेरे मेरे दरमियान
क्यूँ सुबह खिल रही
है तेरे मेरे दरमियान
क्यूँ शाम ढल रही
है तेरे मेरे दरमियान
क्यूँ निगाहें निगाहों
को शिक़वे सुनाए
मुर्दा अफ़सुर्दा लफ़्ज़ों
के मानी जगाये

बात सहमी सहमी सी
तेरी ओरे थी चली
फिसल गयी क्यों
मैंने बर्फ सी कही
शोला बन तुझे मिली
बदल गयी क्यों
मायनो का बोझ से
बात सीधी सादी सी
कुचल गयी क्यों
बात आंधियां लिए
होठो तक तोह आयी थी
ठिठक गयी क्यों
बात कोई गीत बन
होल गुनगुनाई थी
बरस गयी क्यों
बात रेश्मी सी एक
सेज पे बिछायी थी
उलझ गयी क्यों

हे बोलोना हे
बोलोना जी बोलोना

हमको भंवर
में यूँ छोडो ना
धाइ सा आख़र है बोलोना
जी बोलोना जी बोलोना जी बोलोना
ये कैसी बात पल रही
है तेरी मेरे दरमियान
ये कैसी बात जग रही
है तेरी मेरे दरमियान
क्यूँ सुबह खिल रही
है तेरी मेरे दरमियान
क्यूँ शाम ढल रही
है तेरी मेरे दरमियान

क्यूँ निगाहें निगाहों
को शिक़वे सुनाए
मुर्दा अफ़सुर्दा लफ़्ज़ों
की मणि जगाये
जो है खुद से शिकायत
क्यूँ तुझको बताये
क्यों हम यादों के
रंगों से ख्वाबों को सजाये
ये कैसी बात बढ़ रही
है तेरे मेरे दरमियान
ये कैसी बात जग रही है
तेरे मेरे दरमियान
क्यूँ सुबह खिल रही है
तेरे मेरे दरमियान
क्यूँ शाम ढल रही
है तेरे मेरे दरमियान
क्यूँ निगाहें निगाहों
को शिक़वे सुनाए
मुर्दा अफ़सुर्दा लफ़्ज़ों
के मणि जगाये

ये कैसी बात बढ़ रही
है तेरे मेरे दरमियान
ये कैसी बात जग रही
है तेरे मेरे दरमियान
क्यूँ सुबह खिल रही
है तेरे मेरे दरमियान
क्यूँ शाम ढल रही
है तेरे मेरे दरमियान.


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