LYRIC

कौन बोला मुजसे ना हो पायेगा?
कौन बोला, कौन बोला?
अपना टाइम आएगा

उठ जा अपनी राख से
तू उड़द जा अब तलाश में
परवाज़ देख परवाने की
आसमान भी सर उठाएगा
आएगा अपना टाइम आएगा
मेरे जैसा शाना लाला
तुझे न मिल पायेगा

यह शब्दों का ज्वाला
मेरी बेड़ियाँ पिघलायेगा
जितना तूने बोया है तू
उतना ही तो खायेगा
ऐसा मेरा ख्वाब है
जो डर को भी सताएगा
ज़िंदा मेरा ख्वाब
अब कैसे तू दफ़नायेगा

अब हौसले से जीने दे
अब खौफ नहीं है सीने में
हर रास्ते को चीरेन्गे
हम कामयाबी छीनेंगे
सब कुछ मिला पसीने से
मतलब बना अब जीने में

क्यों
क्यों की अपना टाइम आएगा

तू नंगा ही तो आया है
क्या घंटा लेकर जाएगा
अपना टाइम आएगा
अपना टाइम आएगा
अपना टाइम आएगा …..2

तू नंगा ही तो आया है
क्या घंटा लेकर..

किसी का हाथ नहीं था सर पर
यहां पर आया खुद की म्हणत से मैं
जितनी ताकत किस्मत में नहीं
उतनी रेहमत में है
फिर भी लड़का सहमत नहीं है
क्यों की हैरत नहीं है
ज़रुरत यहां मर्ज़ी की
और जुर्रत की है

ताकत की है, आफत की
हिमाकत की, इबादत की
अदालत यह है चाहत की
मोहोब्बत की, अमानत की
जीतने की अब आदत की है
शोहरत की अब लालच नै है
तेरे भाई जैसा कोई हार्ड’च नै है

इस हरकत ने ही बरकत दी है
क्यों?

तू नंगा ही तो आया है
क्या घंटा लेकर जाएगा
अपना टाइम आएगा
अपना टाइम आएगा
अपना टाइम आएगा

तू नंगा ही तो आया है
क्या घंटा लेकर जाएगा
क्या तू घंटा लेकर जाएगा
अपना टाइम आएगा
अपना टाइम आएगा


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