LYRIC

Bekaar Kutte lyrics in hindi from the movie, Buddha in a Traffic Jam. This song is sung by Pankaj Badra & Rohit Sharma. Music composition by Rohit Sharma. with lyrics inscribed by Faiz Ahmad Faiz. The soundtrack album is released under Friday Night Productions label.

 

ये तेरी हुस्न से लिपटी हुई आलम की गर्द
अपनी दो रोज जवानी की शिकस्तो का शुमार
चांदनी रातों का बेकार देहकता हुआ दर्द
दिल की बेसूद तड़प जिस्म की मायुस पुकार
चंद रोज़ और मेरी जान फकत चंद ही रोज़
चंद रोज़ और मेरी जान फकत चंद ही रोज़
जुल्म की छाव में दम लेने पे मझबूर है हम
जुल्म की छाव में दम लेने पे मझबूर है हम
एक जरा और सितम सह ले
एक जरा और सितम सह ले
अपने अजदाद की मीरास है
अपने अजदाद की मीरास है
चंद रोज़ और मेरी जान फकत चंद ही रोज़
चंद रोज़ और मेरी जान फकत चंद ही रोज़

जिस्म पर कैद है
जिस्म पर कैद है
फ़िक्र मेहबूस है
फ़िक्र महबूस है
और अपनी हिम्मत है की हम फिर भी जीए जाते है
ज़िन्दगी क्या किसी मुफलिस की काबा है
जिसमे हर घडी दर्द के पेह्बंद लगे जाते है
ज़िन्दगी क्या किसी मुफलिस की काबा है
जिसमे हर घडी दर्द के पेह्बंद लगे जाते है

चंद रोज़ और मेरी जान फकत चंद ही रोज़
चंद रोज़ और मेरी जान फकत चंद ही रोज़

लेकिन अब जुल्म की मियाद के दिन थोड़े है
लेकिन अब जुल्म की मियाद के दिन थोड़े है
इक जरा सब्र के फर्याद के दिन थोड़े है
इक जरा सब्र के फर्याद के दिन थोड़े है
अर्सा ये देहार की झुलसी हुई वीरानी में
हमको रहना है पर यही तो नहीं रहना है
अर्सा ये देहार की झुलसी हुई वीरानी में
हमको रहना है पर यही तो नहीं रहना है
अजनबी हाथों का बेनाम करबार सितम
आज सहना है हमेशा तो नहीं सहना
अजनबी हाथों का बेनाम करबार सितम
आज सहना है हमेशा तो नहीं सहना
चंद रोज़ और मेरी जान फकत चंद ही रोज़
चंद रोज़ और मेरी जान फकत चंद ही रोज़

ये तेरी हुस्न से लिपटी हुई आलम की गर्द
अपनी दो रोज जवानी की शिकस्तो का शुमार
चांदनी रातों का बेकार देहकता हुआ दर्द
दिल की बेसूद तड़प जिस्म की मायुस पुकार
चंद रोज़ और मेरी जान फकत चंद ही रोज़
चंद रोज़ और मेरी जान फकत चंद ही रोज़


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